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| Heart attack |
हार्ट अटैक एक ऐसी इमरजेंसी स्थिति है, जिसमें कुछ ही मिनटों का फर्क जीवन और मृत्यु के बीच फैसला कर सकता है। आजकल सोशल मीडिया और रील्स में यह बात तेज़ी से वायरल हो रही है कि अगर हार्ट अटैक के शुरुआती समय में सही कदम उठा लिया जाए, तो जान बचाई जा सकती है।
इस लेख में हम जानेंगे कि
हार्ट अटैक क्या होता है, इसके लक्षण क्या हैं और हार्ट अटैक आने पर तुरंत क्या करना चाहिए, जैसा कि कार्डियोलॉजी एक्सपर्ट्स बताते हैं।
हार्ट अटैक क्या होता है?
हार्ट अटैक तब होता है जब दिल की धमनियों में खून का बहाव अचानक रुक जाता है। इसका मुख्य कारण धमनियों में थक्का (क्लॉट) बन जाना होता है।
जब दिल तक ऑक्सीजन युक्त खून नहीं पहुँच पाता, तो दिल की मांसपेशियाँ नुकसान झेलने लगती हैं।
हार्ट अटैक आने का मुख्य कारण
दिल की धमनियों में फैट और कोलेस्ट्रॉल जमा होना
अचानक खून का थक्का बन जाना
हाई बीपी, डायबिटीज, स्मोकिंग, मोटापा
ज़्यादा तनाव और गलत लाइफस्टाइल
हार्ट अटैक के आम लक्षण
हार्ट अटैक के लक्षण हर व्यक्ति में अलग हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर ये संकेत दिखाई देते हैं:
सीने में तेज़ दर्द या भारीपन
बाएं हाथ, गर्दन, जबड़े या पीठ में दर्द
सांस लेने में तकलीफ
पसीना आना, घबराहट
उलटी या चक्कर आना
⚠️ इन लक्षणों को बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ न करें।
हार्ट अटैक में पहले 2 मिनट क्यों होते हैं सबसे ज़रूरी?
डॉक्टरों के अनुसार, हार्ट अटैक के शुरुआती 2 मिनट “गोल्डन टाइम” होते हैं।
इसी समय सही कदम उठाने से:
थक्के के असर को कम किया जा सकता है
दिल को होने वाले नुकसान को घटाया जा सकता है
मरीज को अस्पताल पहुँचाने का समय मिल सकता है
हार्ट अटैक आने पर तुरंत क्या करना चाहिए?
अगर किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक के लक्षण दिखाई दें, तो:
व्यक्ति को तुरंत बैठा दें या आराम की स्थिति में रखें
घबराने न दें, शांत रखें
ढीले कपड़े कर दें
तुरंत एम्बुलेंस या डॉक्टर से संपर्क करें
डॉक्टरों द्वारा बताए गए इमरजेंसी उपाय (जानकारी हेतु)
कुछ कार्डियोलॉजी एक्सपर्ट्स के अनुसार, हार्ट अटैक का मतलब है कि धमनियों में क्लॉट बन चुका है।
इस स्थिति में थक्के के असर को कम करने के लिए कुछ दवाओं का उपयोग डॉक्टर की सलाह से किया जाता है, जैसे:
डिस्प्रिन
क्लोपिडोग्रेल
एटोरवास्टेटिन (कोलेस्ट्रॉल की दवा)
बताया जाता है कि इन दवाओं का उद्देश्य धमनियों में बने थक्के के प्रभाव को कम करना होता है।
⚠️ महत्वपूर्ण सूचना:
इन दवाओं का सेवन केवल इमरजेंसी स्थिति में, डॉक्टर की पूर्व सलाह या निर्देश के अनुसार ही किया जाना चाहिए। खुद से दवा लेना खतरनाक हो सकता है।
दवा लेने के बाद क्या करना चाहिए?
दवा लेने के बाद समय बर्बाद न करें
तुरंत नज़दीकी अस्पताल या कार्डियोलॉजिस्ट के पास पहुँचें
एम्बुलेंस को प्राथमिकता दें
याद रखें, दवा इलाज का विकल्प नहीं, बल्कि केवल शुरुआती सहायता हो सकती है।
किन लोगों को हार्ट अटैक का खतरा ज़्यादा होता है?
हाई ब्लड प्रेशर वाले लोग
डायबिटीज़ के मरीज
स्मोकिंग या शराब का सेवन करने वाले
मोटापा या कोलेस्ट्रॉल ज़्यादा होना
परिवार में हार्ट डिजीज़ का इतिहास
हार्ट अटैक से बचाव के लिए ज़रूरी सावधानियाँ
रोज़ाना हल्की एक्सरसाइज करें
संतुलित और कम तेल वाला भोजन लें
धूम्रपान से दूर रहें
तनाव कम करें
नियमित हेल्थ चेकअप कराते रहें
निष्कर्ष
हार्ट अटैक एक जानलेवा स्थिति है, लेकिन सही जानकारी और समय पर उठाया गया कदम जान बचा सकता है।
हार्ट अटैक के लक्षण दिखें तो देरी न करें, तुरंत मेडिकल मदद लें।
🛑 डिस्क्लेमर:
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी दवा या इलाज से पहले डॉक्टर की सलाह अनिवार्य है। इमरजेंसी में हमेशा एम्बुलेंस और अस्पताल को प्राथमिकता दें।
